Kavi Shreedhar (Trutiya)
श्रीधर कवि (तृतीय)
श्रीधर नाम के तीसरे कवि का उल्लेख भी अपभ्रंश भाषा के कवियों में मिलता है। इन्होंने सुकुमाल चरिउ नाम की रचना की है। इस ग्रंथ में 6 संधियां हैं और इस ग्रंथ का प्रमाण 1280 श्लोक है। इस ग्रंथ में सुकुमाल के जीवन का चित्रण किया गया है। इस ग्रंथ की रचना वलड, अहमदाबाद में राजा गोविंद चंद्र के समय में की गई है।
कवि का समय लगभग तेरहवीं शताब्दी माना गया है।